श्रीमती मालिनी मुजुमदार: जन्म- २३ नवम्बर, १९३३ | निधन - १० फरवरी, २०१९ उस्ताद जहाँगीर खाँ साहब के ख़ास शिष्यों में से एक इंदौर के श्री दिनकर मुजुमदार……
पाषाण युग में मनुष्य ने बोलना नहीं सीखा था.. यह तो सभी जानते हैं। तब गुफाओं पर चित्र उकेर कर वह अपनी बात कहता था.. यह भी…
कथक देखा जाए तो एकल नृत्य प्रकार है लेकिन अब कोरियोग्राफी, प्रकाश योजना, ध्वनि, नेपथ्य आदि के जंजाल में जैसे मूल आत्मा से दूर चला गया है।…
एक अजीब-सी बात हुई.. बीते दिनों बहुत-से नृत्य आयोजनों में जाने का अवसर मिला और कई प्रस्तुतियों को देखा..सबको देखते हुए अजीब-सी बेचैनी पैदा होती रही.. जिस…
आप किसी भी क्षेत्र की बात कर लीजिए, किसी भी स्थिति या किसी भी संबंध की; हमारे जीवन में हम जिस भूमिका का निर्वाह करते हैं, उसे…
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में अपनी प्रस्तुतीकरण की स्वतंत्रता के लिए कथक नृत्य जाना जाता है। वैसे तो कथक नृत्य की लगभग तीन हज़ार वर्ष पुरानी परंपरा है…
रस और भाव की अभिव्यंजना से युक्त होता है- नृत्य। रस और भाव…जैसे यह तो हर कला की विशेषता है.. फिर वह नृत्य हो, संगीत हो या…
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय … जो वास्तव में ‘बस ! नाम ही काफी है’ का पर्याय। वहाँ यदि किसी नृत्यांगना को प्रस्तुति देने का अवसर मिल जाए तो क्या…
संसार का एक नियम है-एक में दो, दो में एक। आप आश्चर्य करेंगे कि यह कैसा नियम, इस बारे में तो कुछ नहीं पता। दरअसल इस बारे…
'खुसरो दरिया प्रेम का, जो उलटी वाकी धार, जो उभरा सो डूबा, जो डूबा सो पार ’… अमीर खुसरो जो स्वयं बड़े संगीतज्ञ भी थे, जब वे…